प्रस्‍तावना

भारत सरकार द्वारा प्रत्‍येक पांच वर्ष के अन्‍तराल पर आर्थिक गणना कराने हेतु लिये गये निर्णय के अनुसार वर्ष 2005 में पंचम आर्थिक गणना स्‍वतंत्र रूप से प्रदेश के समस्‍त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में कृषीय एवं अकृषीय (फसल उत्‍पादन व बागवानी के अतिरिक्‍त) खण्‍डों के अन्‍तर्गत सम्‍पादित करायी गयी। पंचम आर्थिक गणना-2005 के प्रस्‍तुत प्रतिवेदन में उत्‍तर प्रदेश में उद्यमों की स्‍िथति, प्रकृति, स्‍वामित्‍व का प्रकार, सामाजिक वर्ग, शक्‍ित का प्रयोग, कुल व भाड़े पर कार्यरत व्‍यक्‍ितयों के सम्‍बन्‍ध में एकत्रित किये गये आंकड़ों पर आधारित तालिकाओं, उपयुक्‍त ग्राफ/चार्ट तथा विश्‍लेषणात्‍मक टिप्‍पणियों का समावेश किया गया है। इस आर्थिक गणना के उल्‍लेखनीय निष्‍कर्ष निम्‍नलिखत हैं :-

 

1. प्रदेश में कुल 40.21 लाख उद्यम थे, जिनमें 6.4 प्रतिशत कृषीय तथा शेष 93.6 प्रतिशत अकृषीय क्षेत्र में थे।

2. प्रदेश के उद्यमों में कुल 81.45 लाख व्‍यक्‍ित कार्यरत थे, जिनमें 6.4 प्रतिशत कृषीय तथा 93.6 प्रतिशत अकृषीय खण्‍डों में कार्यरत थे।

3. कुल 2.57 लाख कृषीय उद्यमों में से 85.1 प्रतिशत स्‍वकार्य तथा 14.9 प्रतिशत संस्‍थान थे, जबकि 37.6 लाख उद्यमों में से 69.8 प्रतिशत स्‍वकार्य तथा 30.2 प्रतिशत संस्‍थान थे।

4. कुल उद्यमों में 22.05 लाख ग्रामीण तथा 18.16 लाख नगरीय क्षेत्रों में क्रियाशील थे, जिनमें क्रमश: 40.82 लाख व 40.63 लाख व्‍यक्‍ित कार्यरत थे।

5. कुल व्‍यक्‍ितयों में 33.64 लाख भाड़े पर कार्यरत थे।

6. उद्यमों का प्रति सौ वर्ग कि.मी. घनत्‍व 1669 था। प्रति हजार जनसंख्‍या पर उद्यमों की संख्‍या 22 तथा कर्मकरों की संख्‍या 45 थी।

 

श्री अरविन्‍द कुमार तिवारी, अपर निदेशक के मार्ग निर्देशन में प्रभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के सक्रिय योगदान से आर्थिक गणना-2005 का कार्य सम्‍पन्‍न कराया गया। उन सभी उद्यमियों को आभार प्रकट करना चाहता हूँ, जिन्‍होंने आर्थिक गणना हेतु आंकड़े उपलब्‍ध कराने में अपना सहयोग प्रदान किया है। राज्‍य तथा जिला स्‍तर पर सम्‍बन्‍िधत विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का उनके द्वारा प्रदत्‍त सहयोग के प्रति मैं विशेष रूप से आभारी हूँ। एकत्रित आंकड़ों के कम्‍प्‍यूटर पर विधायन में आई.सी.आर तकनीक द्वारा जनगणना कार्य निदेशालय के श्री ए.एम.अन्‍सारी, सहायक निदेशक व उनके अधीनस्‍थ कर्मचारी निश्‍चय ही प्रशंसा के पात्र हैं।

 

लखनऊ

दिनांक: जुलाई 23, 2008                                                डॉ. राजेन्‍द्र तिवारी

                                              आर्थिक बोध एवं संख्‍या निदेशक                                                           उत्‍तर प्रदेश।