राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण

 

भारत सरकार द्वारा 1950 से सांख्यिकीय प्रतिचयन पद्धतियों का उपयोग करके देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर असंगठित सामाजार्थिक क्षेत्र के आंकड़ों का एकत्रीकरण करने के लिए एक देशव्यापी प्रतिदर्श सर्वेक्षण आरम्भ किया गया था। उक्त आंकड़ों की आवश्यकता विशेषकर नियोजन के लिए महत्वपूर्ण है। यह सर्वेक्षण आवृत्तियों के रूप में सम्पन्न किया जाता है। भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन द्वारा उक्त कार्य सम्पन्न किया जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार का अर्थ एवं संख्या प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान भी भारत सरकार के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण  गठन से समन्वय रखते हुए समतुल्य प्रतिदर्श आधार पर नवीं आवृत्ति (वर्ष 1955) से राज्य प्रतिदर्श के रूप में आंकड़े एकत्र कर रहा है।